IAS अधिकारी भविष्य को देखते हुए योजनाएँ बनाते हैं और निरंतर आगे बढ़ते हैं जो सिविल सेवाओं के महत्व की ओर ध्यान आकर्षित करता है खासकर युवाओं का.
इस प्रकार के सभी प्रयासों और छोटे-बड़े परिवर्तनों के मूल्य और इनके द्वारा आ रहे बड़े अंतर एकाएक जब सामने आते हैं तो इनका महत्व पता चलता है.
सिमरनदीप सिंह आई.ए.एस. द्वारा माता वैष्णो देवी के पवित्र गुफा मंदिर यात्रा हेतु किए गए कार्यों के परिप्रेक्ष्य में और संरचित कुछ गतिविधियों ने एक बड़ा प्रभाव पैदा किया है जिससे परिवर्तन स्पष्ट दिखाई देता है.
युवाओं के बीच बेहद लोकप्रिय और प्रेरणास्रोत जम्मू के सिमरनदीप 2008 बैच के IAS अधिकारी (J & K कैडर) हैं और उन्होंने मात्र 23 साल की उम्र में अपने पहले ही प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा में सफलता प्राप्त की थी.
शिक्षित और आकांक्षी युवा आज ऐसे सिविल सेवकों से प्रेरणा लेते हैं जो एक प्रशासक के रूप में अपनी छाप छोड़ते हैं, आपको प्रेरित करते हैं और आपको कड़ी मेहनत कर कुछ बड़ा हासिल करने के लिए उत्सहित करते हैं.
ऐसे सिविल सेवक नेतृत्व कर उदाहरण प्रस्तुत करते हैं और भविष्य में सिविल सेवाओं में कैरियर बनाने को आकांक्षी युवाओं का ध्यान एक पुरस्कृत करने के साथ-साथ जीवन के प्रति संतुष्टि प्रदान करने वाली सेवाओं की ओर आकर्षित करते हैं.
इनमें से अधिकांश युवाओं पर ऐसे सिविल सेवकों की छाप कब को सिविल सेवा मन-पसंद कैरियर बना देती है जो यह उनके लिए एक ज़ुनून सा बन जाता है.
जब भी हम सिविल सेवक के बारे में बात करते हैं, पहली बात जो मन में आती है वह है प्रभावी प्रशासन, विकास दूरदर्शिता के साथ और हम इनसे हमेशा कुछ असाधारण की उम्मीद करते हैं.
तेजी से बदलते परिवेश में यह सब छोटे स्पर्शों के बारे में है जिन पर कई बार किसी का ध्यान नहीं जाता है; लेकिन, जब हम पहचानते हैं; तो सामने आता है इससे जुड़े व्यक्तियों की विचार-प्रक्रिया, बारीकी से बनाई गई योजना और इलके कार्यान्वयन में लगी कड़ी मेहनत का मूल्य.
यह वह बिंदु है जिसे मैं वर्षों से अपने लेखन के माध्यम से इतने अलग-अलग तरीकों से बनाने की कोशिश करता हूं.
आज यहां, मैं सिमरनदीप सिंह, आई.ए.एस. के प्रयासों के बारे में बात कर रहा हूं, जिन्होंने हाल के चंद महीनों में एक बड़ा प्रभाव पैदा किया है और अच्छी तरह से संरचित कुछ गतिविधियों के साथ वास्तव में माता वैष्णो देवी यात्रा को आम तीर्थयात्रियों के लिए पहले से सुगम कर दिया है.
यह एक उदाहरण है कि कैसे एक कुशल, सक्रिय सिविल सेवक सार्वजनिक कार्यों में योगदान कर एक बड़ा फर्क ला सकता है.
चूँकि मैं अक्सर माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए जाता हूँ, इसी क्रम में अक्टूबर 2018 के अंतिम सप्ताह में मेरी मुलाकात सिमरनदीप से हुई, जिन्होंने मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रुप में श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड का कार्यभार संभाला था.
यह एक शिष्टाचार मुलाकात थी और एक कप कॉफी पर बात करते हुए कई विषयों पर विचारों का आदान-प्रदान हुआ.
पिछले कुछ वर्षों में कटरा से माता वैष्णो देवी की पवित्र गुफा मंदिर तक यात्रा में आये बदलावों, बुनियादी सेवाओं और सुविधाओं को बेहतर बनाने के प्रयासों में किए गए अद्भुत काम के लिए सिमरनदीप ने धन्यवाद देते हुए श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के अपने पूर्ववर्तियों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त की और लिए कड़ी मेहनत करने वाले प्रत्येक व्यक्ति का इसका श्रेय दिया.
विकास एक सतत प्रक्रिया है; प्रतिवर्ष लगभग 90 लाख से अधिक आगंतुकों का प्रबंधन और उनकी यात्रा को सुखद बनाना एक बहुत बड़ी चुनौती है. इस वार्तालाप में उन्होंने बदलाव के प्रति अपने खुलेपन को स्वीकारा और प्रगति के प्रवाह को जारी रखने के लिए तत्परता दिखाई.
एक श्रृद्धालू और एक निरंतर आगंतुक के रूप में, उन्होंने वैष्णो देवी यात्रा के बारे में मेरी सोच और इसमें आने वाली कठिनाइयों के बारे में जानना चाहा. साथ ही कुछ सुझाव देने के लिए कहा, यदि कोई हो तो.
इस संबंध में मैंने कुछ चीजों का जिक्र किया जैसे कि विशेष रूप से सर्दियां के दौरान चरम मौसम की स्थिति में थोड़ी परेशानियों का सामना करना और कुछ और जिन पर शायद तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है जैसे कि बैटरी कार टिकट बुकिंग, यात्रा हेतु टट्टू को पाने में आने वाली कठिनाईयाँ आदि.
ऐसा नहीं है कि श्राइन बोर्ड को ऐसी बातों की जानकारी नहीं हो; ऐसे कई मुद्दों पर प्रभावी समाधान खोजने के लिए श्राइन बोर्ड निरन्तर कड़ी मेहनत करता रहता होगा जिनका आमतौर पर पर्यटक सामना करते हैं.
ताज़ी हवा का झोंका
इस मुलाकात के बाद के महीनों में, मैं वास्तव में इतने तीव्र वेग से हो रहे निरन्तर सकारात्मक बदलावों को देखकर चकित हूं.
जब आप देखते हैं कि कुछ चीजें जो लम्बे समय से आपको परेशान करती रही हैं, यकायक लगभग गायब हो जाती हैं तो यह किसी आश्चर्य से कम नहीं है.
मेरे लिए निरंतर छोटे-छोटे सुधार देखना वास्तव में दिलचस्प और रोमांचक रहा है.
एक आम आदमी के रूप में, पिछले पिछले पांच महीनों में जब-जब माता वैष्णों देवी जी यात्रा की तो हर बार मैंने कुछ न कुछ ऐसा देखा जिसमें किसी न किसी कठिनाई तो संबोधित किया गया और परिवर्तन दिखाई दिया.
जाहे यह बैटरी कारों के नया बेड़े के बारे में हो और इसकी बढ़ी हुई आवृत्ति के बारे में या बात हो बैटरी कारों के लिए ऑनलाइन बुकिंग की, भवन से भैरों के बीच केबल कार की शुरूआत, सी.सी.टीवी और वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा, इस सर्दियों, जो मार्च की शुरुआत तक खिंच गई, में खराब मौसम के दौरान भी उत्कृष्ट व्यवस्था और किसी भी चुनौतीपूर्ण स्थिति के लिए तैयारी की; लगभग सब कुछ कम्प्यूटरीकृत और पारदर्शी हो चला है.
नवीनतम परिवर्तन जिसने मुझे इस लेखन कार्य के लिए मजबूर किया, वह है माता वैष्णो देवी तीर्थयात्रियों के लिए टट्टू, कुली और पालकी सेवाओं को प्राप्त करने के लिए 24-घंटे पूर्व-भुगतान बुकिंग प्रणाली.
मैं भलिभांति समझता हूं कि इस सब में बहुत सारे कारक जैसे सुरक्षा, पर्यावरण, कानूनी मुद्दे शामिल हो सकते हैं और विभिन्न एजेंसियों द्वारा किए गए प्रयास हैं - एक टीम-वर्क.
इन कुछ महीनों में, मैंने महसूस किया कि कैसे एक के बाद बारीकी से, लगातार चीजों को संबोधित किया जा रहा है जिसने मुझे एक कुशल IAS अधिकारी के नेतृत्व में एक लाइनअप का अनुभव कराया जो कि उत्तरदायी है और सबसे कुशल तरीके से सेवाएँ प्रदान करने का आश्वासन देता है.
इन सभी अच्छे कार्यों के लिए मेरी हार्दिक बधाई और कामना है कि इस तरह के बदलावों को और गति मिले और श्राइन बोर्ड द्वारा सतत परिवर्तन इस यात्रा को और अधिक सुखद बना दें.
अगली बार जब भी आप माता वैष्णो देवी के दर्शन करने जाए तो आपको अधिक कुशल प्रणाली का एहसास होगा और मैंने जिन बदलावों का जिक्र किया है वह निश्चित रूप से माता वैष्णो देवी के पवित्र गुफा मंदिर के दर्शन को ओर आसान बना देंगे.
और हाँ, निश्चित रूप से यह बदलाव के लिए जिम्मेदार व्यक्ति के बारे में आपको याद अवश्य दिलाएंगे.
Last Update Wednesday 1st May 2019