यह परीक्षा है ही ऐसी और इस तथाकथित 'अप्रत्याशित परीक्षा' में हर वर्ष कुछ अद्वितीय होता रहता है और सफलता एक झपक कई युवाओं का जीवन बदल देती है.
हमेशा की तरह, सिविल सेवा परीक्षा 2017 के परिणाम आने के बाद से ही मैं कई शीर्ष रैंकरों और सफल उम्मीदवारों से उनके अनुभवों के बारे में बातचीत का क्रम जारी है और इसके आधार पर कुछ उपयोगी जानकारी एकत्र की है जो आपके लिए कुछ उपयोगी हो सकती हैं.
हो सकता है कि शायद इसमें आपको कुछ नयापन लगे या नहीं, हो सकता है कि कुछ तथ्य पहले सुने से लगें पर मेरा लक्ष्य आप तक कुछ मौजूदा प्रवृत्तियों के बारे में अवगत कराना है जिससे आप इस परीक्षा के बारे में अपनी समझ विकसित कर सकते हैं.
मुझे आशा है कि अगर आप अपने आप का इनके साथ संबंध स्थापित करने में सक्षम हो पाते हैं और कुछ तथ्यों को अपनी तैयारी की योजना में शामिल कर उपयोगी में ला पाते हैं, शायद कुछ लाभ उठा पायें.
सिविल सेवा परीक्षा के परिणाम और उबरते रुझानों का विश्लेषण कर उम्मीदवारों की अंतिम सफलता में योगदान देने वाले कारकों को सूचीबद्ध करने का मेरा काम कभी खत्म नहीं होता.
यह परीक्षा है ही ऐसी और इस तथाकथित 'अप्रत्याशित परीक्षा' में हर वर्ष कुछ अद्वितीय होता रहता है और सफलता एक झपक कई युवाओं का जीवन बदल देती है. हमेशा की तरह, सिविल सेवा परीक्षा 2017 के परिणाम आने के बाद से ही मैं कई शीर्ष रैंकरों और सफल उम्मीदवारों से उनके अनुभवों के बारे में बातचीत का क्रम जारी है और इसके आधार पर कुछ उपयोगी जानकारी एकत्र की है जो आपके लिए कुछ उपयोगी हो सकती हैं.
हालांकि, मैंने यह प्रक्रिया दो वर्ष पहले भी की थी और उसमें शामिल कई रुझान आज भी समान दिख सकते हैं; लेकिन, कई प्रवृत्तियों ने बड़े बदलावों को संकेत दिया है, विशेष रूप से मुख्य परीक्षा के लिए नवीन दृष्टिकोण की आवश्यकता है; और इसे ध्यान में रखें - ये कुछ सफलता हेतु अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्ध हो सकते हैं.
सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कठिन है और सफल उम्मीदवारों की तैयारी-रणनीतियों को जानने को उत्सुक महत्वाकांक्षी उम्मीदवार चाहते हैं उन्हे कुछ सुराग मिल सकें जिनके आधार पर अपनी तैयारी की रणनीति को नई दिशा दी जा सके.
मेरे लिए इन सभी सफल उम्मीदवारों की सफलता यात्रा के बारे में जानना वास्तव में सुखद और समृद्ध अनुभव रहा साथ ही आश्चर्यजनक भी कि यह लक्ष्य-केन्द्रित युवा मेहनत, लगन और धैर्य के साथ अपने सपने साकार करने में अपना सर्वश्रेष्ठ दे सफलता की नई गाथा लिख रहे हैं.
और इन सभी उम्मीदवारों को सिविल सेवा परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए किया गये प्रयास का सकारत्मक परिणाम अंततः सुखदः अनुभव और संतुष्टी प्रदान करता है.
मैंने यहाँ इन सफल उम्मीदवारों के विचारों और उनके द्वारा साझा सफलता-सूत्रों के निचोड़ को सूचीबद्ध किया है जो आपके लिये भी विचार-विमर्श का विषय हैं
सिविल सेवा परीक्षा 2017 में सफल कुछ उम्मीदवारों से वार्तालाप पर आधारित महत्वपूर्ण तथ्य
1. सिविल सेवा परीक्षा अभी भी शिक्षित और महत्वाकांक्षी युवाओं के लिए मन में शीर्ष स्थान पर है और इसके प्रति ज़ुनून स्पष्ट दिख रहा है.
2. केवल शीर्षस्थ रैंक और उच्च स्थान प्राप्त उम्मीदवारों की सफलता का ही गुणगान किया जाता है; प्रायः लोग अन्य सफल उम्मीदवारों की रणनीति पर गौर नहीं करते हैं, जो अपने प्रयासों में उतनी ही (यदि अधिक नहीं तो) मेहनत ड़ालते हैं जितना इन शीर्ष स्थान प्राप्त उम्मीदवार, फिर भी किन्ही कारणों से निचला रैंक पाते हैं या सफलता से वंचित रह जाते हैं.
3. टीना डाबी (रैंक 1; सी.एस.ई. 2015) और अनमोल शेर सिंह बेदी (रैंक 2; सी.एस.ई. 2016) जैसे उम्मीदवार पहले ही प्रयास में एक शानदार सफलता के साथ एक लहर पैदा करने में सक्षम हैं और आगामी उम्मीदवारों में विश्वास जगाते हैं कि सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की सही रणनीति और तैयारी पर ध्यान केन्द्रीत कर प्रथम प्रयास में भी उच्च सफलता संभव है.
इस वर्ष, कोया श्री हर्षा (रैंक 6; सी.एस.ई. 2017) तथा सौम्या शर्मा (रैंक 9; सी.एस.ई. 2017) ने इस तथ्य को सही साबित कर आगामी उम्मीदवारों में जोश भरने का कार्य किया है.
4. अपने किसी करीबी का, मित्र का, बैच के साथियों का सिविल सेवा परीक्षा में चयनित हो जाना सबसे बड़ा कारक है जो कि प्रदर्शन में असाधारण व सकारात्मक परिवर्तन ला देता है.
5. कई प्रतिभाशाली उम्मीदवार सिविल सेवा परीक्षा में एक योजना के साथ आते हैं और इस प्रयास हेतु मन में एक समय सीमा रखते हैं.
6. प्रथम 20 रैंकों में इस बार पहले प्रयास में सफल केवल दो उम्मीदवार ही नज़र आये हैं; और पहले चयनित उम्मीदवारों का शीर्ष 20 में दबदबा दृष्टय है.
7. इंजीनियर, डॉक्टर और व्यावसायिक उच्च-डिग्री के साथ योग्य उम्मीदवारों का सफलता क्रम जारी है.
8. उनकी सफलता के लिए कारण कुछ भिन्न नहीं है; लेकिन, तर्कसंगत सोच से चीजों को देखना सारा फर्क ला देता है. वे हमेशा एक शांत पर्यवेक्षक होने का आभास देने की बजाय समाधान के लिए खोज में लिप्त रहते हैं.
9. डुरीशेट्टी अनुदीप (रैंक 1) की सफलता के साथ, ‘उद्देश्य में विश्वास' सफलता में सबसे मूल्यवान कारक के रूप में उभरता है.
10. अनु कुमारी (रैंक 2) की सफलता ‘दृढ़ संकल्प‘ और ‘लक्ष्य पर दृष्टि‘ दर्शाती है; "यदि मैं अपने सपनों को तुरंत पूरा नहीं कर पा रही; परन्तु सही समय पर प्रयास अवश्य करना है."
11. सौम्या शर्मा (रैंक 9) ने अपने पहले प्रयास में ऐसी सफलता प्राप्त की है जो - "स्वप्न देखो; अपने में विश्वास रखो और इसे प्राप्त कर लो" वाली सोच को चरितार्थ करती है.
12. हर वर्ष की तरह इस बार भी कई कहानियां ऐसी उभरीं हैं जहाँ मित्र-समुह ने एक-दूसरे की तैयारी योजना को प्रभावित किया और सफलता में भूमिका निभाई. अभिनव सिंह (रैंक 8) और कार्तिक (रैंक 529); गौरव कुमार (रैंक 34) और विशाल मिश्रा (रैंक 49) और कई सफलताओं से योग्य दोस्तों के समूह को चुनने का महत्व सामने आया है.
13. एक अभ्यासरत्त सी.ए.-सी.एस. श्रेष्ठ तायल (रैंक 73) द्वारा लीक से हट किया सेवा-वरीयता चयन एक नई प्रवृत्ति का प्रारंभ है. श्रेष्ठ ने आई.आर.एस. (आई.टी.) को सेवाओं में पहली पसंद के रूप में चुना.
मेरे विचार कई अन्य लोगों के साथ सहमत हैं जो मानते हैं कि यदि आपके सबल पक्ष से संबंधित किसी कार्यक्षेत्र में सेवा का मौका मिलता है तो आप कहीं अधिक, सार्थक योगदान प्रदान कर सकते है.
14. अपने लिये लक्ष्य शीर्ष 50 रैंकों में स्थान पाने का रखें. अपनी सुविधा क्षेत्र के बाहर आयें और अपने लिये सतह एक ऐसी स्थापित करें जिसे प्राप्त करने की चुनौती आपको कठिन प्रयास करने को प्ररित करती रहे.
तैयारी-संबंधी दृष्टिकोण
15. एन.सी.ई.आर.टी. की पुस्तकें तैयार की शुरुआत में वैचारिक स्पष्टता के लिए बहुत उपयोगी मानी जा रही हैं. समाचार-पत्र और पत्रिकाएँ अध्ययन संसाधन का अभिन्न अंग हैं.
16. मुख्य परीक्षोन्मुख अध्ययन की योजना के साथ तैयारी हेतु 'एकीकृत दृष्टिकोण' प्रारंभिक परीक्षा को प्रबंधनीय बनाता है क्योंकि इससे प्रारंभिक परीक्षा सामान्य अध्ययन प्रश्न-पत्र 1 संबंधित आवश्यकताओं को प्रभावी ढंग से तैयार करने में मदद मिलती है.
17. संसाधन में सीमित संख्या में और उपयुक्त पुस्तकों तथा पाठ्य-सामग्री का चयन और इस सीमित संसाधन का कई बार संशोधन बेहतर परिणाम प्रदान करता है. निरन्तर संशोधन के साथ विषय की बेहतर समझ और स्पष्टता उभरती है.
18. कोचिंग की भूमिका बढ़ रही है और परीक्षा के किसी स्तर पर - एक विशेष प्रश्न-पत्र, प्रश्न-पत्र के किसी घटक के लिए या व्यक्तित्व परीक्षण (साक्षात्कार) के लिये ही सही, कई उम्मीदवार कोचिंग संस्थान की मदद से लेने में हिचकिचा नहीं रहे.
19. फिर भी, यहाँ कई उम्मीदवारों स्वंय तैयारी करते हैं और सिविल सेवा परीक्षा में सफलता भी प्राप्त कर रहे हैं.
20. 'मॉक' टेस्ट, 'टेस्ट सीरीज' खूब धड़लले से वितरित हो रहे हैं; प्रत्येक खिलाड़ी तो नहीं, लेकिन कुछ विशिष्ट संस्थानों का प्रयास वास्तव में अद्भुत है.
21. अभी भी सबसे बड़ा कारक जो उम्मीदवार के प्रदर्शन को प्रभावित करता है वह है - डर
22. उम्मीदवारों की निर्भरता ऑन लाइन संसाधन/वेबसाइटों पर अध्ययन सामग्री और तैयारी संबंधी जानकारियों व प्रेरणा के लिए बढ़ रही है और iaspassion उम्मीदवारों ले लिये प्रेरणा का स्रोत बना हुआ है जो तनाव के क्षणों में उत्साहवर्द्धन और सकारात्मक सोच बनाने का कार्य कर रहा है.
प्रारंभिक परीक्षा विशिष्ट
23. पिछली परीक्षाओं में प्रारंभिक परीक्षा में समसामयिकी से संबंधित प्रश्नों को विभिन्न घटकों से जोड़ कर दिखाने का कार्य एक विश्लेषण मात्र है और यह परीक्षा की तैयारी की योजना में कतई उपयोगी नही. आपको प्रारंभिक परीक्षा के पूरे पाठ्यक्रम के प्रति संतुलित दृष्टिकोण अपनाना चाहिये क्योंकि परीक्षक के मन को पढ़ पाना किसी के बस में नहीं कि आगामी परीक्षा में न जाने कहाँ से किस घटक से प्रश्न घट या बढ़ जायें.
24. एक सेट दृष्टिकोण अपनाना आमतौर पर उम्मीदवारों के लिए घातक हो सकता है. यदि आप ऐसी योजना की तलाश में हैं जो प्रारंभिक परीक्षा में सफलता दिला सके तो केवल सटीक तैयारी ही विकल्प है. प्रारंभिक परीक्षा 2016 और 2017 में दृष्टय प्रवृत्ति परिवर्तन इस वर्ष प्रारंभिक परीक्षा 2018 में नये रुख के साथ सामने है. इससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि आप तैयारी के लिए एक निर्धारित प्रवृत्ति का पालन नहीं कर सकते हैं. परीक्षक द्वारा थोड़ा घुमाव प्रारंभिक परीक्षा को एक पहेली बनाता है; लोग इसे अप्रत्याशित कहने लगते हैं.
25. चूंकि प्रारंभिक परीक्षा के स्तर पर प्रतिस्पर्धा भीष्ण है, संघ लोक सेवा आयोग (यू.पी.एस.सी.) का रुख अधिक रचनात्मक और अभिनव हो रहा है.
26. प्रारंभिक परीक्षा में सफलता अभ्यास पर अधिक निर्भर करती है
27. वस्तुनिष्ठ प्रकृति की परीक्षा का सामना करने में इस प्रकार के परीक्षण की तकनीक के बारे में जानकारी एक वरदान है.
28. 'ऋणात्मक अंकन' को ध्यान में रखते हुए सावधानी बरतनी चाहिए और रवैया बदलें - यदि ज़रूरत न हो तो जोखिम लेने का उद्यम नहीं करना चाहिए.
29. हालांकि, प्रारंभिक परीक्षा सामान्य अध्ययन प्रश्न-पत्र 2 क्वालीफाईंग है; फिर भी, इसे हल्के ढंग से नहीं लिया जाना चाहिए.
प्रारंभिक परीक्षा 2018 सामान्य अध्ययन प्रश्न-पत्र 2 मेरे व्यक्तव्य का तात्पर्य स्पष्ट रूप से समझाता है. एक निर्धारित पैटर्न की अपेक्षा रख परीक्षा कक्ष में जाने का सीधा मतलब है आप एक बड़ा जोखिम ले रहे हैं.
मुख्य परीक्षा विशिष्ट
30. सामान्य अध्ययन के प्रत्येक प्रश्न-पत्र और घटकों पर ध्यान जरूरी है और हर प्रश्न-पत्र का अपना महत्व है. पर प्रत्येक घटक को महत्व उतना ही दें जितना आपेक्षित है.
31. उत्तर-लेखन अभ्यास काफी महत्वपूर्ण हो चला है.
32. मुख्य परीक्षा में प्रस्तुति-तकनीक बहुत मायने रखती है.
33. केवल 'एक' वैकल्पिक विषय की मौज़ूदा प्रणाली में, अंग्रजी माध्यम के उम्मीदवारों के लिये अभी भी बहुत से वैकल्पिक विषय एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं पर जब बात हिन्दी माध्यम की आती है तो यह सूची कुछ सिमट सी जाती है. (ऐसा करने में कोचिंग संस्थान का बड़ा हाथ है और निहित स्वार्थ के कारण कुछ एक विषयों को ही बढ़ावा दिया जाता है जिनके लिये उनके पास कोचिंग उपलब्ध है. ऐसे में कई प्रतिभावान उम्मीदवार अपने स्वयं के विषय छोड़ने को मजबूर हो ऐसे विषय चुन बैठते हैं जिनके साथ न्याय कर पाना उनके बस में नहीं होता.)
लेकिन, धीरे-धीरे, उम्मीदवारों में अपने विषय पर भरोसा भी आगे आ रहा है और कई उम्मीदवार अपने विषय के साथ न्याय कर पाने में समर्थ दिख रहे है.
34. वैकल्पिक विषय चयन अब एक दिलचस्प चरण तक पहुंच गया है क्योंकि लंबे अंतराल के बाद, उम्मीदवारों ने अंतिम सफलता में वैकल्पिक विषय के प्रप्तांको के योगदान के साथ उच्च रैंक प्राप्त करने के महत्व को स्वीकार करना शुरू कर दिया है.
35. इस वर्ष के परिणाम में जिन उम्मीदवारों तक मैं पहुँच पाया उस आधार पर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इस बार उम्मीदवार सामान्य अध्ययन में स्वतंत्र रूप से स्कोर करने में सक्षम दिखे हैं और प्राप्तांक पिछले वर्षों से आपेक्षाकृत कहीं बेहतर रहे हैं. यहां तक कि वैकल्पिक विषय में प्रप्तांक भी उल्लेखनीय रूप से बढ़ गये है.
36. माध्यम चाहे हिन्दी हो या अंग्रेजी, सामान्य अध्ययन के लिए स्कोरिंग पैटर्न रुझान लगभग एक से ही देखने में आ रहे है. (जो लोग कहते हैं कि हिंदी माध्यम के उम्मीदवारों के लिये यू.पी.एस.सी. पूर्वाग्रह से बंधी है उन्हें इसके बारे में संज्ञान लेना उचित रहेगा कि यदि प्रश्नों के उत्तर परीक्षक की उम्मीदों के अनुसार नहीं हैं तो सभी उम्मीदवारों के लिये व्यवहार समान है, चाहे उम्मीदवार अंग्रेजी माध्यम का हो या हिंदी माध्यम का). सामान्य अध्ययन में माध्यम चाहे हिन्दी हो या अंग्रेजी प्राप्तांक पिछले वर्षों से बेहतर रहे हैं.
37. मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन के प्रश्न-पत्रों की लंबाई अधिक होना जारी है और जो लोग विधिवत अभ्यास कर रहे हैं, अच्छे अंकों से पुरस्कृत भी किये जा रहे हैं.
38. मुख्य परीक्षा सामान्य अध्ययन में,प्रश्न-पत्र I, II और III में प्राप्तांक में वृद्धि देखी है, विशेष रूप से पेपर II प्राप्तांक पहली बार एक संतोषजनक तस्वीर प्रस्तुत करते हैं.
उम्मीदवारों का मानना कि प्रश्न-पत्र 4 (चतुर्थ) के लिए प्रयास-पुरस्कार अनुपात अभी भी बहुत अधिक है और सामान्य अध्ययन प्रश्न-पत्र 2 (द्वितीय) के लिए यह सबसे कम है – यह धारणा पूरी तरह से उलट गयी है. इस बार प्रश्न-पत्र IV (चतुर्थ)में प्राप्तांक पिछले संस्करणों की तुलना में असाधारण रूप से कम हैं.
यह तथ्य अंग्रेजी और हिन्दी दोनों माध्यम के उम्मीदवारों पर समान रूप से सटीक है और सभी के परिणाम को प्रभावित करता दिखा.
39. सबसे लोकप्रिय वैकल्पिक विषयों में बहुत से उम्मीदवारों ने इस बात की पुष्टि की है कि भूगोल एक ऐसा विषय रहा जहाँ इस वर्ष प्राप्तांक एक बार फिर बुरी तरह प्रभावित रहे. वैकल्पिक विषयों में हिन्दी माध्यम के उम्मीदवारों में भाषा साहित्य के प्रति रुझान सर्वविदित रहा है परन्तु परिणाम आशा से कहीं कम रहे. (वैसे मैं हिन्दी माध्यम के लिये उपयुक्त वैकल्पिक विषयों पर टिप्पणी तब तक बचा कर रखना चाहुँगा जब तक वे पूर्वाग्रह से मुक्त नहीं होते और भ्रम की स्थिति से बाहर नहीं आते.)
हाल के वर्षों में वैकल्पिक विषयों में एक नया रुझान सामने आया है और जैसा मैंने पिछले अंक में भी जिक्र किया मानव विज्ञान ने बहुत मजबूत वापसी की है; साथ ही विधि, वाणिज्य और लेखा तथा गणित जैसे विषयों का सफलता में योगदान दिखा है.
वैसे, यह वर्तमान प्रवृत्तियाँवैकल्पिक विषय चयन प्रक्रिया में शामिल कई कारकों में से एक है और हर वर्ष एक या अन्य वैकल्पिक विषय के साथ नए रुझान सामने आते हैं.
40. निबंध लेखन के बारे में एक उन्माद सा होता जा रहा है और अधिकांश उम्मीदवार मुख्य परीक्षा की तैयारी के दौरान अभ्यास के लिए कुछ समय रखने के लिए विवश हैं.
इस वर्ष गौरव कुमार (रैंक 34) के निबंध पत्र में प्राप्तांक 166 अंक का असर सीधे उनके शीर्ष रैंक में चयन में महत्वपूर्ण भूमिका दर्शा रहा है.
41. कोटेशन, लच्छेदार भाषा, कुछ भारी शब्दों के प्रयोग और वाक्यांशों के उपयोग पर राय मिश्रित सी दिखी और बहुत से उम्मीदवार पक्ष और विपक्ष में बांटे दिखे. वैसे भी यह सब आपके प्रस्तुतिकरण शैली और कैसे इसे प्रभावी ढंग से उपयोग किया जाता है इस पर निर्भर करता है.
42. इस वर्ष सामान्य अध्ययन के लिए 410 अंक से ऊपर कोई भी स्कोर (कुल 1000 में से); वैकल्पिक विषय के लिए 270 अंक (कुल 500 में से) और निबंध के लिए 130 से अधिक (कुल 250 में से) एक सभ्य स्कोर माना जा सकता है.
43. तैयारी-रणनीति के हिस्से में 'निबंध' और 'साक्षात्कार' दो ऐसे क्षेत्र देखने में आये हैं जहां उम्मीदवारों द्वारा एक उच्च स्कोर करने का विशेष प्रयास किया गया.
44. लगभग सभी उम्मीदवार ने एक मत से इस बात की पुष्टि की है कि मुख्य परीक्षा के प्रश्न-पत्रों के सभी प्रश्नों का उत्तर देने का लक्ष्य हितकर है.
अज्ञात प्रश्नों का उत्तर देने का प्रयास, कभी-कभी मामूली परिचितता, बहुत कम जानकारी के आधार पर भी प्रयास कर पाना आपकी तैयारी की परिपक्वता का धोतक है.
45. परीक्षा भवन में समय-प्रबंधन का रोल प्रमुख है और जरूरत है कि कोई भी प्रश्न अनुत्तरित न छोड़ दिया जाए. यदि ऐसा हो पाता है तो यह आपके हित में है. यहां, एक-एक अंक मायने रखता है.
46. एक बार फिर, जिन उम्मीदवारों का निष्पादन मुख्य परीक्षा (लिखित) में अच्छा रहा उनकी व्यक्तित्व परीक्षण पर निर्भरता कम रही और आत्मविश्वास के साथ तनाव-मुक्त प्रदर्शन दिखा.
व्यक्तित्व परीक्षण विशिष्ट
47. व्यक्तित्व परीक्षण (साक्षात्कार) के प्राप्तांकों में एक बार फिर से विस्तृत अंतर दृष्टय है और जिस वजह से एक बार फिर से कई उम्मीदवारों के भाग्य प्रभावित हुए हैं. वैसे इस बार व्यक्तित्व परीक्षण में 200 अंक से पार चुन्निंदा उम्मीदवार ही नज़र आये.
48. साक्षात्कार में कैसे अंक प्रदान किये जाते हैं और किन विशेषताओं को उच्च अंकों से सम्मानित किया जाता है वास्तव में अभी भी उम्मीदवारों के लिये एक पहेली बनी हुई है. परन्तु अब प्रत्येक उम्मीदवार को यह तो समझ आने लगा है कि मौलिकता का कोई विकल्प नहीं.
49. साक्षात्कार एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और उच्च प्राप्तांकों ने बहुत से उम्मीदवारों के लिये अद्भुत काम किया है.
50. सिविल सेवा परीक्षा के प्रति जागरूकता के साथ सफल उम्मीदवारों के उत्साहवर्धक शब्द, विचार विमर्श और मार्गदर्शन तैयारी की राह आसान बनाते हैं और उच्च सफलता के लिये प्ररित करते हैं.
हो सकता है कि शायद इसमें आपको कुछ नयापन लगे या नहीं, हो सकता है कि कुछ तथ्य पहले सुने से लगें पर मेरा लक्ष्य आप तक कुछ मौजूदा प्रवृत्तियों के बारे में अवगत कराना है जिससे आप इस परीक्षा के बारे में अपनी समझ विकसित कर सकते हैं.
मुझे आशा है कि अगर आप अपने आप का इनके साथ संबंध स्थापित करने में सक्षम हो पाते हैं और कुछ तथ्यों को अपनी तैयारी की योजना में शामिल कर उपयोगी में ला पाते हैं, शायद कुछ लाभ उठा पायें.
Last Update Thursday 15th November 2018